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कंप्यूटर वायरस और इसके प्रकार

कंप्यूटर वायरस (computer virus) | computer virus kya hai | कंप्यूटर वायरस के प्रकार (type of computer viruses)

कंप्यूटर वायरस और इसके प्रकार

कंप्यूटर वायरस (computer virus)


(VIRUS – Vital Information Resources Under Seized) 
यह नाम संयोग वश बीमारी वाले वायरस से मिलता है मगर ये उनसे पूर्णतः अलग होते है। वायरस programme का प्रमुख उद्देश्य केवल कंप्यूटर मेमोरी में एकत्रित आंकड़ों व संपर्क में आने वाले सभी programme को अपने संक्रमण से प्रभावित करना है ।

वास्तव में computer वायरस कुछ निर्देशों का एक computer programme मात्र होता है जो अत्यन्त सूक्ष्म किन्तु शक्तिशाली होता है । यह computer को अपने तरीके से निर्देशित कर सकता है । ये वायरस programme किसी भी सामान्य computer programme के साथ जुड़ जाते हैं और उनके माध्यम से कंप्यूटरो में प्रवेश पाकर अपने उद्देश्य अर्थात डाटा और programme को नष्ट करने के उद्देश्य को पूरा करते हैं । 

अपने संक्रमणकारी प्रभाव से ये सम्पर्क में आने वाले सभी programme को प्रभावित कर नष्ट अथवा क्षत-विक्षत कर देते हैं । वायरस से प्रभावित कोई भी computer programme अपनी सामान्य कार्य शैली में अनजानी तथा अनचाही रूकावटें, गलतियां तथा कई अन्य समस्याएं पैदा कर देता है । 

प्रत्येक वायरस programme कुछ computer निर्देशों का एक समूह होता है जिसमें उसके अस्तित्व को बनाएं रखने का तरीका, संक्रमण फैलाने का तरीका तथा हानि का प्रकार निर्दिष्ट होता है । सभी computer वायरस programme मुख्यतः असेम्बली भाषा या किसी उच्च स्तरीय भाषा जैसे “पास्कल” या “सी” में लिखे होते हैं ।

कंप्यूटर वायरस के प्रकार (type of computer viruses)


1) बूट सेक्टर वायरस (Boot Sector Virus)-


इस प्रकार के वायरस फ्लापी तथा हार्डडिस्क के बूट सेक्टर में संगृहीत होते है। जब computer को प्रारम्भ करते है तब यह आपरेटिंग सिस्टम को लोड होने में बाधा डालते है और यदि किसी तरह आपरेटिंग सिस्टम कार्य करने लगता है तब यह computer के दुसरे संयंत्रो को बाधित करने लगते है।


2) पार्टीशन टेबल वायरस (Partition Table Virus)-


इस प्रकार के वायरस हार्ड डिस्क के विभाजन तालिका को नुकसान पहुंचाते है। इनसे computer के डाटा को कोई डर नही होता। यह हार्डडिस्क के मास्टर बूट रिकार्ड को प्रभावित करता है तथा निम्नलिखित परिणाम होते है।

3) फ़ाइल वायरस (File Virus)-


यह वायरस कंप्यूटर की Files को नुकसान पहुंचाता है यह .exe फ़ाइल को नुक्सान पहुंचता हैं इसलिये इन्हें फाइल वायरस कहा जाता हैं।


4) गुप्त वायरस (Stealth Virus)-


गुप्त वायरस अपने नाम के अनुसार computer में User से अपनी पहचान छिपाने का हर संभव प्रयास करते है। इसलिये इन्हें गुप्त वायरस कहा जाता हैं।

5) पॉलिमार्फिक वायरस (Polymorphic Virus)-


यह वायरस अपने आप को बार – बार बदलने की क्षमता रखता है ताकि प्रत्येक संक्रमण वास्तविक संक्रमण से बिल्कुल अलग दिखे । ऐसे वायरस को रोकना अत्यंत कठिन होता है क्योंकि प्रत्येक बार ये बिल्कुल अलग होता है ।

6) मैक्रो वायरस (Macro Virus)-


मैक्रो वायरस विशेष रूप से कुछ विशेष प्रकार के फ़ाइल जैसे डाक्यूमेंट, स्प्रेडशीट इत्यादि को क्षतिग्रस्त करने के लिए होते है । ये वायरस केवल Micro Software Office की फाइलों को नुकसान पहुंचाता हैं।

जिस प्रकार वायरस सूक्ष्म programme कोड से अनेक हानिकारक प्रभाव छोड़ता है ठीक उसी तरह ऐसे कई programme बनाए गये हैं जो इन वायरसों को नेस्तानाबूद कर देते हैं, इन्हें ही वायरस के टीके कहा जाता है । 

यह टीके विभिन्न वायरसों के चरित्र और प्रभाव पर संपूर्ण अध्ययन करके बनाए गये हैं और काफी प्रभावी सिद्ध हुयें है।

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