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मरने के बाद क्या होता है? (What happens after death?) | मरने के बाद आत्मा का रहस्य

 मरने के बाद क्या होता है? (What happens after death?)

मरने के बाद क्या होता है? (What happens after death?)

ये दुनिया के सबसे रोचक प्रश्नों में से एक है। हम अपनी उम्र को, हरी सब्जियां खाके और एक्सरसाइज करके बढ़ा तो सकते हैं पर अमर नहीं कर सकते। 

और आज की टेक्नोलॉजी की बात करें तो आखिर में कभी ना कभी सबकी मौत होनी ही है। जिसे जीवन मिला है उसकी मौत होनी ही होनी है, तो आखिर मौत के बाद क्या होता है? आइये जानते हैं।


मैं फिजिकल शरीर की बात नहीं कर रहा हूँ। फिजिकल बॉडी तो आखिरकार मिट्टी में मिल जाती है। क्वेश्चन ये है, की इस शरीर में जिसे आप मैं कहते हो, मैं यानी हमारी आत्मा चेतना सोल या कॉन्शियसनेस ये आखिर कहाँ जाती है अभी आप जिन्दा हो। मतलब आप फील कर पा रहे हो की आप हो, इसे कॉन्सियसनेस कहते हैं। 


तो सवाल ये है की क्या मरने के बाद भी आप अपने होने को फील करते हो? या आप पूरी तरह से ज़ीरो हो जाते हो। 

एक एक्सपेरिमेंट कीजिए आप एक बार सोचिये की मरने के बाद कैसा लगता होगा? 

तो आपको ऐसा लगेगा की आप ये सोच ही नहीं पा रहे हो और आप अपने नहीं होने को सोच ही नहीं सकते क्योंकि नहीं होने को भी मतलब नथिंग ने इसको भी इक्स्पिरीयन्स करने के लिए इसी चीज़ का होना जरूरी है, जो नहीं होने को इक्स्पिरीयन्स कर रहा है। 


इसका मतलब शायद मरने के बाद भी आप अपने आप को फील कर पाओगे। इस पूरी दुनिया में 4200 रिलिजन्स है और सब की अलग अलग मान्यता है कि मरने के बाद क्या होता है? 


बट असल में सिर्फ एक ही ग्रुप है जो असल में जानती है कि मरने के बाद ऐक्चूअली होता क्या है। कॉन्ट्रोवर्शियल होने की जरूरत नहीं है? मैं किसी रिलिजन की बात नहीं कर रहा। 


वो ग्रुप है मरे हुए लोग। तो चलिए मरे हुए लोगों से ही पूछते है की मरने के बाद क्या होता है? चलिए मरे हुए लोगों से ही पूछते हैं अब आप अपने मन में कह रहे होंगे की क्या बक रहा है? 


ये साफ साफ बताना, देखिये ऐसे कई लोग हैं इस दुनिया में जो यह दावा करते हैं की वो लोग मर के भी वापस जिंदा हुए हैं। जी हाँ, ये रियल है। और मॉडर्न भाषा में इसे हम एनडीए कहते हैं। 

यानी निर्गत इक्स्पिरीयन्स आपने भी ऐसी घटना के बारे में कभी ना कभी जरूर सुना होगा। खास करके इंडिया के गांव में तो ऐसी घटनाएं बिलकुल कॉमन है। 


पर अगर वर्ड की पॉप्युलेशन को ऐसा हॉल देखे तो पूरी पॉप्युलेशन में बहुत कम ही लोगों ने इसे एक्सपिरियंस किया। जिन लोगों को ये हुआ है उन लोगों में से अलग अलग व्यक्ति अलग अलग चीजों को एक्सपिरियंस करता है। उन लोगो का ये कहना है कि वो एक दूसरे दुनिया में चले जाते एक दूसरे आयाम में और कुछ अजीब सा एक्सपिरियंस करते हैं। 


और फिर वापस अपने शरीर में आ जाते हैं तो आखिर वो क्या एक्सपिरियंस करते यही तो हम जानना चाहते है क्या वो सच मैं उस चीज़ का एक्सपिरियंस करते हैं, जो इस दुनिया के परे है? 


◆ 2011 में एक इंसान की सर्जरी हो रही थी पर वो सर्जरी फेल हो गई और डॉक्टर्स ने कहा कि वो इंसान मर चुका है। मतलब डॉक्टर्स ने उस इंसान को मृत घोषित कर दिया, पर कुछ मिनट्स बाद मॉनिटर में अपने आप ऐक्टिविटी होने लगी और डॉक्टर्स उसे बचाने में कामयाब रहे। जो कुछ मिनट्स वो अपने शरीर में नहीं थे। जब उनकी सांसें रुक गईं थीं तब उन्होंने कुछ एक्सपिरियंस किया था। उन्होंने उस कुछ को ऐसे एक्सप्रेस किया। 

उन्होंने ये कहा की वो कुछ नहीं होने को एक्सपिरियंस कर रहे हैं। मतलब उन्हें ऐसा तो नहीं लग रहा था की वो तैर रहे हैं, वो अपनी प्रेजेंस को फील कर पा रहे थे ।


◆ एक दूसरा केस ये भी है, एक कॉलेज स्टूडेंट की जो स्लीपिंग पिल्स की ओवरडोज के चलते गिर पड़ा। 

पड़ोसियों ने एक एंबुलेंस बुलाया पर ऐम्ब्युलन्स जब उसे हॉस्पिटल ले जा रही थी, उसी दौरान उसकी मौत हो गई थी। 

आप इसे चमत्कार कहिए या फिर कुछ और, पर 3 मिनट बाद उसे होश आया और उसने उन तीन मिनिट्स में क्या एक्सपिरियंस किया था? 

उसे उस लड़के ने बताया, उसने ये कहा की वो अपने शरीर से निकल चुका था और वो अपने ही शरीर को इस ऐम्बुलेन्स मैं देख रहा था। जी हाँ, उसने अपने ही शरीर को देखा था। मतलब उसकी आत्मा उस शरीर से निकलकर अपने ही शरीर को देख रही थी। 


ये सुनने में बहुत अजीब लगता है। इस पर क्या उस लड़के ने जो इक्स्पिरीयन्स किया था वो उसकी आत्मा थी? या फिर दिमाग का कोई भ्रम? 

इस बात को टेस्ट करने के लिए जो लोग ऐम्ब्युलन्स में थे उन्होंने टेस्ट करने के लिए उस लड़के से पूछा कि उस 3 मिनट के दौरान उस ऐम्बुलेन्स में डॉक्टर्स ने क्या क्या किया था? 

उस लड़के ने एक एक वर्ड को रीकॉल कर दिया और उस 3 मिनट के दौरान ऐम्बुलेन्स किस मोड़ से गुजर रही थी, उसे सब याद इसका मतलब जो वो बोल रहा था वो बिल्कुल सच था। 


◆ ऐसे ही इक्स्पिरीयन्स हजारों नहीं लाखों लोगों ने इक्स्पिरीयन्स किया और अलग अलग केस में हर कोई अलग अलग चीजों को एक्सपिरियंस करता है। 


रिसर्चर्स ने उन इक्स्पिरीयन्स को एक साथ रखा। जो ज्यादातर सबको होता है। सबसे कॉमन एक्सपिरियंस जो होता है वो एक टनल का एक्सपिरियंस मतलब लोगों को लगता है की वो किसी सुरंग से गुजर रहे हैं।


और कई लोगों को आउट ऑफ बॉडी एक्सपिरियंस होता है जिसमें वो अपने ही शरीर को एक दूरी से देखते हैं जो उस एम्ब्युलेंस वाले लड़के ने एक्सपिरियंस किया था। 


मरने के बाद जो एक्स्पीरिएंस होती है, जो उन लोगों ने कहा है वो बहुत ही ज्यादा अजीब होती है। मतलब आप सोच भी नहीं सकते हो की वो सीन कैसी होती होगी जिंदा स्टेट में जो आप सोच सकते हो? वो तो उसके परे है। 


इसलिए वो लोग सही से डिफाइन भी नहीं कर पाते हैं क्योंकि उस समय जो होता है उसे शब्दों में बयान करना बहुत ही मुश्किल है। वो उस लकीर को इक्स्पिरीयन्स करते हैं जो जिंदगी और मौत को अलग अलग करती है। 

ज्यादातर लोगों को आउट ऑफ बॉडी इक्स्पिरीयन्स होता है जिसके बारे में मैंने अभी बताया पर कइयों को डार्कनेस का एक्सपिरियंस होता है यानी नथिंग नेस। उस डार्कनेस में वो कुछ फील ही नहीं करते। 


मतलब उनके लिए दुनिया नहीं होती है पर वो खुद होते है। मतलब कुछ नहीं होने के बावजूद भी वो खुद एग्जिस्ट कर रहे होते है। 

आपको ये पोस्ट कैसी लगी comment अवश्य करें।


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