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जीरो शैडो डे क्या है? (What is Zero Shadow Day?)

 जीरो शैडो डे क्या है? (What is Zero Shadow Day?)

जीरो शैडो डे


बेंगलुरु में लोगों ने मनाया जीरो शैडो डे, गायब हुई लोगों की परछाई, कैसे होती है ये दुर्लभ घटना आइये जानते हैं।


Rare astronomical event - साल में दो बार ऐसा भी होता है, जब आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देती है। ये दुर्लभ खगोलीय घटना 'जीरो शेडो डे' के कारण होता है। 


इस साल 25 अप्रैल को बेंगलुरु में ये घटना हुई थी। आज फिर ये घटना बेंगलुरु में देखी गई। जानते हैं कि ऐसा क्‍या होता है कि आपकी परछाई इतनी छोटी हो जाती है, जो दिखती ही नहीं है?


अब सवाल ये उठता है कि ये जीरो शैडो डे क्या है और क्यों मनाया जाता है? ये घटना किन कारणों से होती है?


सबसे पहले जानते हैं कि जीरो शैडो घटना क्‍या है? बेंगलुरु में 25 अप्रैल 2023 को दोपहर 12 से 12.30 बजे के बीच लोगों ने जीरो शैडो का अनुनभव किया। इस मौके पर बच्चों ने सूर्य और उसके रोशनी की वजह से बन रही छाया की तस्वीरें लीं।


लोगों ने इस खास मौके को कैमरों में कैद किया। यह वह दिन होता है, जब दिन के खास समय पर सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर आ जाता है। इस कारण हमारी छाया ही नहीं बन पाती है। इस स्थिति को जीरो शैडो और इस खास दिन को जीरो शैडो डे कहा जाता है।


जीरो शैडो डे का क्या मतलब है?


शून्य छाया दिवस एक विशेष दिन है जब सूर्य सीधे ऊपर की ओर संरेखित होता है, जिससे वस्तुओं और लोगों की छाया जमीन पर नहीं पड़ती है। यह घटना वर्ष में दो बार घटित होती है, और यह एक जादुई क्षण की तरह है जब सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर होता है।



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