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वैष्णव धर्म का इतिहास (vaishnav dharm ka itihaas) | वैष्णव संप्रदाय के बारे में तथ्य

 

वैष्णव धर्म का इतिहास

vaishnav dharm ka itihaas

वैष्णव धर्म का इतिहास (vaishnav dharm ka itihaas)

वैष्णव सम्प्रदाय (वैष्णव धर्म) में, भगवान विष्णु को ईश्वर और पूरी सृष्टि का संचालन कर्ता माना जाता हैं। वैष्णव धर्म के बहुत सारे उप-सम्प्रदाय हैं। वैष्णव का मूलरूप सूर्य देवता की आराधना में मिलता हैं। 

प्राचीन काल में, वैष्णव धर्म का नाम “भागवत धर्म” या “पांचरात्र मत” था। इस सम्प्रदाय के प्रधान उपास्य देव वासुदेव है, जिन्हें छः गुणों – बुद्धि, शक्ति, बल, वीर्य, ऐश्वर्य और तेज से संपन्न होने के कारण भगवान या भगवत कहा गया हैं और भगवत के उपासक भागवत कहलाते हैं।

वैष्णव संप्रदाय के बारे में तथ्य

  1. विद्वानों के अनुसार लगभग 600 ई. पूर्व जब ब्राह्मण ग्रन्थों के हिंसा प्रधान यज्ञों की प्रतिक्रिया में बौद्ध-जैन सुधार आन्दोलन हो रहे थे तब यह धर्म अस्तित्व में आ गया था जो क्षत्रिय वंश के कुछ विशेष वर्गों तक ही सीमित था।


  1. श्रीमद्भागवत गीता इस सम्प्रदाय का मान्य ग्रन्थ हैं।


  1. वैष्णव धर्म के बारे में सामान्य जानकारी उपनिषदों से मिलती है। इसकी उत्पत्ति “भागवत धर्म” से हुआ है।


  1. वैष्णव धर्म के प्रवर्तक कृष्ण थे, जो वृषण कबीले के थे और उनका निवास स्थान मथुरा था।


  1. विष्णु के 10 अवतारों का उल्लेख मत्स्य पुराण में मिलता है जोकि इस प्रकार हैं – मत्स्य, कच्‍छप, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि।


  1. वैष्णव धर्म में ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सर्वाधिक महत्व भक्ति को दिया गया है।


  1. वैष्णव सम्प्रदाय के अन्य नाम पांचरात्र मत, वैष्णव धर्म, भागवत धर्म आदि हैं।


  1. भागवत धर्म शुरुआत में क्षत्रियों द्वारा चलाया हुआ, उपासना का मार्ग था।


  1. वैष्णव धर्म के तीर्थ स्थल इस प्रकार हैं – मथुरा, अयोध्या, बद्रीधाम, तिरुपति बालाजी, श्रीनाथ, द्वारकाधीश आदि।


  1. ऋग्वेद में वैष्णव विचारधारा का उल्लेख मिलता है।

वैष्‍णव संस्‍कार

  1. वैष्णव मंदिरों में भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की मूर्तियां होती हैं।


  1. इस धर्म के लोग एकेश्‍वरवाद के प्रति कट्टर नहीं हैं।


  1. इस धर्म या सम्प्रदाय के साधु-संन्यासी सिर मुंडवाकर चुटिया रखते हैं।


  1. ये सभी पूजा, यज्ञ और अनुष्ठान दिन में करते हैं।


  1. यह सात्विक मंत्रों को महत्व देते हैं।


  1. सन्यासी जनेऊ धारण कर पीतांबर वस्त्र पहनते हैं और हाथ में कमंडल तथा दंडी रखते हैं, जबकि सामान्य लोग भी जनेऊ धारण कर सकते हैं।


  1. वैष्णव धर्म के लोग सूर्य पर आधारित व्रत उपवास करते हैं।


  1. वैष्णव दाह संस्कार (मृत शरीर को जलाने) की रीति हैं।


  1. यह चंदन का तिलक लगाते हैं।


  1. वैष्णव साधुओं को आचार्य, संत, स्वामी, महात्मा आदि कहा जाता है।

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